click to have a glimpse of my journey so far

जंगल

मुझे जंगल पसंद है
वही जंगल 
जहाँ खूँखार शेर बसते हैं
जहाँ घिनौने गीदड़ रहते हैं
जहाँ हर तीखे दाँत
नर्म माँस को चीरने-फाड़ने के लिए बेताब हैं
मुझे जंगल पसंद है
जहाँ मृत शरीरों पर भी
अपना महाभोज करने उतर आते हैं 
गिद्ध - अपने पूरे कुनबे के साथ
मुझे जंगल पसंद है
जहाँ छोटे से छोटे कीड़े भी
चट कर जाते हैं हड्डियों के अवशेष
डर लगता है
मगर फिर भी 
अच्छा लगता है ये जंगल
क्योंकि आज भी अनवरत
उसके बीच एक दूब उग रही है कहीं
और एक सूखे तिनके को
नन्हीं सी चोंच में दबाए
चिड़िया उड़ी जा रही है अपने घोंसले की ओर


No comments: