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मृत्यु दंड


मृत्यु दंड बहुत पहले से निर्धारित था

तुम्हारे लिये

किंतु दंडित करने का तरीक़ा 

निश्चित नहीं हुआ

गोली मार कर सीने पर

या पीठ पर,

बिजली वाहक कुर्सी की बिठाकर,

फंदा पहना कर,

गला रेत कर,

खरोंच-खरोंच कर

नोच-नोच कर

सोच-सोच कर

या बिन सोचे

वही पुराना तरीक़ा

सूली पर लटका कर ?

तुम स्वयं ही तय करो

दंड भोगने का तरीक़ा,

कम से कम 

इस चुनाव का हक़ तो बनता ही है तुम्हारा

इस लोकतंत्र में ।


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