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एक ज़िद है बस !


कसम से कहता हूँ,

मैं तुम नहीं हो सकता |
मैं जानता हूँ
मैं अगर तुम हो भी गया
तो तुम कभी मैं नहीं हो सकते |
तुम तुम ही रहे,
मैं मैं न रहा,
तो जिसका नाम है संतुलन -
वो रहेगा कैसे ?
संतुलन की महत्ता बनाए रखने के लिए
ज़रूरी है मेरा मैं रहना |
तुम भी तो ये जानते हो कि
ये मैं होने का मेरा अहंकार नहीं,
एक ज़िद है बस !


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