दैवी प्रकोप यानी तूफ़ान से तो बचे
लेकिन मंदिर जाते, भगदड़ से मर गये
कोई बताये देव जो थे वे किधर गये !
भीतर का रावण अट्टहास करता फिर रहा
राम कण-कण हो कर बिखर गये
कोई बताये देव जो थे वे किधर गये !
लेकिन मंदिर जाते, भगदड़ से मर गये
कोई बताये देव जो थे वे किधर गये !
भीतर का रावण अट्टहास करता फिर रहा
राम कण-कण हो कर बिखर गये
कोई बताये देव जो थे वे किधर गये !
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